जयपुर। टोक्यो पैरालंपिक में राजस्थान के खिलाड़ियों का आज जबर्दस्त जलवा दिखा। टोक्यो पैरालंपिक में जेवलिन थ्रो में राजस्थान के चूरू के देवेंद्र झाझड़िया ने सिल्वर और करौली के सुंदर सिंह गुर्जर ने कांस्य पदक अपने नाम किया है। प्रदेश की राजधानी जयपुर की शूटर अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया। पैरालंपिक में एक ही दिन में तीन गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक आने से प्रदेशभर में जश्न का माहौल है। खिलाड़ियों को बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है। राजनीतिक और खेल जगत की हस्तियों समेत खेलप्रेमी और अन्य लोग फूले नहीं समा रहे हैं।
देवेन्द्र को रजत और सुंदर को कांस्य मिला :—
टोक्यो पैरालंपिंक में जैवलीन थ्रो मे देश को कांस्य पदक दिलाने वाले सुंदर गुर्जर की कहानी भी किसी भारतीय फिल्म से कम नहीं है। हादसा में हाथ गंवाने के बाद भी जिस तरह से उन्होनें कम बैक किया वह काबिले तारीफ रहा है। पद्मश्री देवेन्द्र झांझडिया ने टोक्यो में देश का मान रखा और देश को रजत दिलाया है। चूरू जिले के झाझारियान की ढांणी में 10 जून 1981 को जन्मे देवेन्द्र जाट परिवार से हैं।
अवनि लखेरा के संघर्ष की कहानी:—
टोक्यो पैरालंपिक में शूटिंग में सोना जीतकर गोल्डन गर्ल बनी अवनि लखेरा ने कहा कि कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो ‘कुछ भी असंभव’ नहीं है। साल 2012 में एक एक्सीडेंट के बाद अवनी व्हील चेयर पर आ गई थी। लेकिन उन्होंने निशानेबाजी के खेल को ना सिर्फ अपना शौक बल्कि प्रोफेशन भी बना लिया था। कोरोना काल में भी वे अपने घर पर रहकर पैरालपिंक की तैयारियों में जुटी रही। अवनि का सपना था कि वह पैरालंपिक में गोल्ड मेडल जीते। अवनि की जिद और जुनून ने उसके इस सपने को आज पूरा कर दिया है। पैरालंपिक में उसे गोल्ड मेडल जीतकर नया इतिहास लिखा है।