जयपुर। प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी अपनी तैयारी में लगी हुई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तीनों सीटों को जीतने की रणनीति बना रहे हैं। वहीं बीजेपी इस कोशिश में है कि कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाकर अपनी सीटें बढ़ा सके। बहरहाल, अभी दोनों तक दोनों दलों में जिताऊ उम्मीदवार उतारने पर मंथन चल रहा है। इन तीनों ही सीटों के विधायकों का पिछले दिनों बीमारी के चलते निधन हो गया था। इसलिए उनके परिजनों को टिकट देकर सहानुभूति के वोट हासिल करने की रणनीति से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। प्रदेश में चार में से तीन विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे है। इन विधानसभा क्षेत्र सहाड़ा (भीलवाड़ा), विधानसभा क्षेत्र सुजानगढ़ (चूरू) और विधानसभा क्षेत्र राजसमंद (राजसमंद) शामिल है।
राजनीतिक गढ़ ढहाने के लिए लगानी होगी सेंध
आपको बता दे कि प्रदेश की तीनों सीटों पर उपचुनाव अगले माह होगा। इसके लिए सरगर्मियां तेज हो रही हैं। खासकर कांग्रेस में इसकी तैयारी बजट घोषणाओं में भी नजर आई थी। कांग्रेस ने तो चूरू और चित्तौड़गढ़ जिले में सभायें एक तरह से चुनावी तैयारियों का आगाज भी कर दिया है। मुख्यमंत्री उप चुनाव वाले क्षेत्रों के स्थानीय पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अपने निवास पर बुलाकर चुनावी रणनीति पर चर्चा कर चुके हैं। सीएम ने उनको अपने उम्मीदवार को जीताकर सरकार को मजबूत करने के लिए कहा है। दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ इस कोशिश में हैं कि राजनीतिक और जातिगत समीकरण बैठाकर ऐसे नेता को प्रत्याशी बनाया जाए जिससे कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाई जा सके।