जयपुर। राजस्थान में 30 अक्टूबर को दो सीटों धरियावद और वल्लभनगर में विधानसभा उपचुनाव होने वाले है। चुनाव की तारीख जैसे जैसे पास आ रही है वैसे वैसे राजनीतिक माहौल गर्माता जा रहा है। धरियावाद एक ऐसी सीट है, जहां प्रदेश के दो बड़े चेहरे अशोक गहलोत और सतीश पूनिया दोनों को खतरा है। इस बार मैदान में उतरे चेहरों पर खतरा है, क्योंकि दोनों पार्टियों को इस बार भितरघात का डर सता रहा है।
इस बार बड़ा रोचक माहौल
यह सीट किसके नाम होगी और कौन जीतेगा, कौन हारेगा, यह तो भविष्य तय करेगा, लेकिन इतना तय है कि इस बार का माहौल बड़ा रोचक बना हुआ है। कांग्रेस ने इस बार फिर से अपने पुराने चेहरे नगराज पर दांव खेला है। भाजपा से गौतम लाल मीणा के बेटे कन्हैयालाल को टिकट देना था, लेकिन खेत सिंह को मैदान में उतार दिया।
कांग्रेस से तीन बार हारे को टिकट
कार्यकर्ता कांग्रेस से यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि वे नए चेहरे को उतारेंगे और दूसरे को मौका देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। फिर से पहले तीन चुनाव हार चुके नगराज को मौका दिया गया। नगराज अब तक पांच विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और इनमें तीन बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कन्हैयालाल को टिकट न देने से नाराजगी भी
बीजेपी के लिए सबसे बड़ा फैक्टर कन्हैयालाल को टिकट न देना और समर्थकों की नाराजगी है, कन्हैयालाल लसाड़िया से आते हैं, यह बीजेपी का बड़ा गढ़ माना जाता है। इससे पहले 2018 चुनाव में 17 हजार से अधिक वोटों की लीड मिली थी, लेकिन इस बार कन्हैयालाल का टिकट काटकर नए चेहरे खेतसिंह को मैदान में उतारा गया।