कांग्रेस की एक और कोशिश, एकजुटता की चुनावी कार्यशाला: गहलोत पायलट के बीच वार-पलटवार

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Gehlot Pilot War

राजस्थान में करीब 3 माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी हलचल बढ़ गई है। विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा जहां आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में पूरे जी-जान से लगी हुई है, वहीं दूसरी ओर कभी देशभर के अधिकांश राज्यों में शासन करने वाली कांग्रेस को आज अपना खुद का वजूद बचाने की नौबत आ गई है। रही-सही कमी कांग्रेस के नेता आपस में एक-दूसरे की टांग खिंचकर पूरी कर रहे हैं। Gehlot Pilot War

चुनावी जानकारों के अनुसार राजस्थान कांग्रेस तीन खेमों में बंटी हुई है। इनमें से फिलहाल दो खेमे एक्टिव माने जा रहे हैं। पहला गहलोत खेमा और दूसरा पायलट खेमा। तीसरा खेमा अब इसलिए शांत माना जा रहा है कि कांग्रेस की नई कार्यसमिति की घोषणा में इस खेमें के प्रमुख नेता को पूरी तरह से किनारा कर दिया गया। राजस्थान कांग्रेस के दोनों प्रमुख खेमों की आपसी टकराहट बरकरार है, जो पार्टी के किसी ना किसी मंच पर दिख ही जाती है। प्रदेश कांग्रेस बार-बार एकजुट होने का प्रयास कर रही है लेकिन इसमें सफल नहीं हो पा रही है। हालिया वाकया गहलोत और पायलट के बीच का है। आइये जानते हैं गहलोत और पायलट के बीच हुआ वार-पलटवार.. Gehlot Pilot War

अशोक गहलोत ने अपना पुराना बयान फिर दोहराया, पायलट ने दिया जवाब Gehlot Pilot War

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष के बीच हुआ वाकया जयपुर में हुई कांग्रेस की चुनावी कार्यशाला के दौरान का है। यहां गहलोत के एकजुटता के दावे के बाद आपसी फूट नज़र आई। हाल ही में राजधानी जयपुर में हुई चुनावी कार्यशाला में कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने अपना पुराना बयान फिर दोहराया, वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस बार उसका जवाब देकर यह साबित कर दिया कि कांग्रेसी नेताओं के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। जबकि विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। Gehlot Pilot War

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इस वार-पलटवार की कांग्रेस नेताओं के बीच जबरदस्त चर्चा है। गहलोत ने यहां अपने भाषण में फिर पुराना बयान दोहराते हुए कहा, ‘राजस्थान कांग्रेस में सबसे कम गुटबाजी है। राजस्थान में जो भी पीसीसी चीफ बनता है, उसे कुछ मीडिया वाले और चार चापलूस पांचवें दिन मुख्यमंत्री बना देते हैं। मैंने सचिन पायलट से कहा था कि मेरे साथ ऐसा हो चुका है। आप सावधान रहना। मैं झांसे में नहीं आया तो सीएम बन गया, क्योंकि इसके कारण पीसीसी चीफ काम नहीं कर पाता है।’

पायलट का गहलोत को जवाब, भ्रम में किसी को नहीं रहना चाहिए

गहलोत द्वारा फिर से यह बात दोहराने के बाद जब प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के भाषण देने की बारी आई तो पायलट ने पहली बार गहलोत के बयान का जवाब देते हुए कहा, ‘कई लोग नंबर बढ़ाने के लिए इधर की उधर करते हैं। मैंने भी आपके अनुभवों से सीख ली है। मेरे इर्द-गिर्द चार पांच लोग ऐसे थे, उन्हें मैंने प्रदेशाध्यक्ष बनने के हफ्ते भर बाद ही दूर कर दिया। अब मैं ऐसे लोगों को अपने पास ही नहीं फटकने देता, क्योंकि भ्रम में किसी को नहीं रहना चाहिए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पायलट ने आगे कहा कि केवल एक नेता के दम पर कोई पार्टी नहीं जीत सकती।

पायलट हमेशा से पार्टी नेताओं के खिलाफ बयान देने से बचते रहे हैं। खासकर गहलोत के खिलाफ। लेकिन इस बार यह पहला मौका था, जब सचिन पायलट ने गहलोत के बयान का पार्टी नेताओं के सामने खुलकर करारा जवाब दिया। जिसके बाद कांग्रेस के नेताओं के बीच इस वार-पलटवार की जबरदस्त चर्चा बनीं हुई है। इसके साथ ही कांग्रेसी नेता अब उन लोगों के नाम तलाश रहे हैं, जो पायलट के प्रदेशाध्यक्ष बनने के समय उनके इर्दगिर्द थे और अब उन्हें दूर कर दिया गया है। गौरतलब है कि 2013 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली ​करारी हार के बाद सचिन पायलट को प्रदेशाध्यक्ष बना दिया गया था।

यह चुनाव अशोक गहलोत के नेतृत्व में ही लड़ा गया था। करारी हार से गहलोत के प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व की क्षमता पर सवाल खड़े हुए थे। पायलट को अध्यक्ष बना दिए जाने के बाद गहलोत कई मर्तबा यह बात इशारों में कह चुके हैं कि अध्यक्ष बना दिए जाने से कुछ नहीं होता, पायलट को मुख्यमंत्री बनने का सपना नहीं देखना चाहिए, प्रदेश में गहलोत ही कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री उम्मीदवार होगा।

सीपी जोशी और मोहन प्रकाश नहीं आए कांग्रेस की कार्यशाला में

राजधानी जयपुर में आयोजित कांग्रेस की इस कार्यशाला में चुनावी टिप्स के साथ एकजुटता का मैसेज भी दिया गया। लेकिन मंच पर प्रदेश कांग्रेसी नेताओं के भाषण से तो यही लग रहा है कि आपसी खिंचतान अभी भी जारी है। यह कांग्रेस के लिए चुनावों में मुसीबत खड़ी करेगा। इससे पहले कांग्रेस के ‘मेरा बूथ, मेरा गौरव’ कार्यक्रम में कई बार पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच आपस में लात-घूसे चले हैं। इसके अलावा संगठन की इस चुनावी कार्यशाला में प्रदेश कांग्रेस के दो बड़े दिग्गज नेता नदारद रहे। कांग्रेस कार्यसमिति से बाहर होने के बाद हुई इस कार्यशाला में सीपी जोशी और मोहन प्रकाश का नदारद रहना चर्चा का विषय बन गया है।

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