केन्द्रीय मंत्री के.जे. अल्फोंस कन्ननथनम निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुने गए हैं। एम. वैंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति पद पर निर्वाचन और उनके इस्तीफे के बाद से खाली हुई राज्यसभा सीट पर उप—चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। कल औपचारिक तौर पर उनकी जीत की घोषणा की गई। निर्वाचन अधिकारी पृथ्वीराज ने अल्फोंस की जीत की आधिकारिक घोषणा करते हुए उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दिया। जीत के बाद बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने अल्फोंस को साफा पहना कर उनका अभिनंदन किया। अल्फोंस के राज्यसभा पहुंचते ही सदन में भाजपा के मौजूद सांसदों की संख्या फिर से 8 हो गई है।
अल्फोंस की जीत तो पहले से ही पक्की थी क्योंकि राजस्थान विधानसभा में भाजपा के 161 विधायक यहां पहले से ही मौजूद हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने राज्यसभा उपचुनावों में पार्टी का कोई प्रत्याशी नहीं उतारा। इससे पहले अल्फोंस कन्ननथनम किसी भी सदन से सदस्य नहीं थे और केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री का पदभार संभाले हुए थे।
बता दें कि इस उपचुनाव के लिए अल्फोंस ने सोमवार को प्रत्याशी के रूप में चार नामांकन पत्र भरे गए थे। मंगलवार को विधानसभा में की गई जांच में चारों नामांकन पत्र सही पाए गए। गुरुवार को नामांकन वापस लेने के समय तक किसी अन्य प्रत्याशी के नामांकन नहीं भरे जाने से अल्फोंस की निर्विरोध जीत की घोषणा कर दी गई।
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अभी राज्यसभा में भाजपा के 8 सांसद, 6 महीने बाद सभी सांसद भाजपा के अल्फोंस कन्ननथनम के राज्यसभा में पहुंचते ही भाजपा के सांसदों की संख्या राज्यसभा में फिर से 8 हो गई है। राज्यसभा से प्रदेश से 10 सदस्य चुने जाते हैं। शेष 2 कांग्रेस के हैं लेकिन अप्रैल, 2018 में दोनों ही सदस्यों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। विधानसभा चुनाव अगले साल के आखिर में होने हैं। ऐसे में शेष बची दोनों सीटों पर भी भाजपा के सदस्य अपना कब्जा जमाने में सफल होंगे। इस तरह राज्यसभा में प्रदेश की सभी 10 सीटों पर भाजपा का अधिकार होगा।