मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने राजस्थान में सरकारी सेवाओं में नियुक्ति की अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष कर दी है। मुख्मंत्री का यह फैसला जहां लाखों युवा बेरोजगारों के लिए राहत लाने वाला है, वहीं यह फैसला राजस्थान सरकार के सामने एक चुनौती भी लाया है। राजस्थान में सुराज के 4 साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने यह घोषणा की थी कि राज्य में सरकारी नौकरियों में नियुक्ति की अधिकतम आयु 35 वर्ष की जगह 40 वर्ष होगी।
साथ ही आने वाले समय में प्रदेश सरकार के 1.40 लाख सरकारी नौकरियां भी निकाले जाने की बात कही। इन नौकरियों में आवेदन करने वाले कितने होंगे यह तो पता नहीं लेकिन अब प्रदेशभर में 25 लाख से ज्यादा वह युवा भी अभ्यार्थी बन गए हैं जिनकी आयु 35 साल हो जाने से वह सरकारी नौकरियों में आवेदन करने के दायरे से बाहर हो गए थे। कहने का मतलब है कि 1.40 लाख सरकारी नौकरियों पर प्रदेशभर के 25 लाख अभ्यार्थी पहले से खड़े हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर नए अभ्यार्थी का शामिल होना इस संख्या में शेष है।
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अब वसुन्धरा सरकार के पास इस घोषणा को सही सिद्ध करना एक चुनौती का सामना करने जैसा होगा। हालांकि सरकार ने 25 लाख ओवरएज युवाओं को सरकारी नौकरी का एक सुनहरा अवसर प्रदान किया है लेकिन अब सरकारी नौकरियों के दावेदार बढ़ने से प्रतिस्पर्धा और बढ़ जाएगी। वर्तमान हालातों की तुलना में यह प्रतिस्पर्धा 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। अधिकतम आयु सीमा बढ़ने से पड़ौसी राज्यों से भी अभ्यर्थी राजस्थान में आकर अपना भाग्य आजमाएंगे जिससे कॉम्पिटिशन और भी बढ़ेगा। हालांकि जो भर्तियां विज्ञापित हो चुकी हैं, उसमें यह फायदा नहीं मिल सकेगा।
सरकार का यह फैसला निश्चित तौर पर जनरल वर्ग के लिए फायदे का सौदा है। अब तक सरकारी विभागों में जनरल वर्ग की नियुक्ति की अधिकतम आयु 35 वर्ष थी जो अब बढ़कर 40 वर्ष हो चुकी है। ऐसे में जनरल लॉबी को 5 वर्ष अतिरिक्त का समय भी मिलेगा। आयु सीमा बढ़ने से महिला शिक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा, ऐसी उम्मीद की जा सकती है।