जीएसटी लागू होने के बाद चुंगी कर से मुक्ति, देश के 22 राज्यों ने हटा लिए अपने टोल नाकें

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    देशभर में 1 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सभी तरह के टैक्स को प्रतिस्थापित कर अब महज़ एक टैक्स जीएसटी लग रहा है। इसके तहत अंतर्राज्यीय व्यापार में लगने वाली चुंगी या प्रवेश कर भी ख़त्म हो गया है। जीएसटी लागू होने के तीन के अंदर देश के 22 राज्‍यों ने चुंगी कर के लिए अपने जाने वाली चैक पोस्‍ट प्रणाली ख़त्म कर दी है। केंद्रीय वित्‍त मंत्रालय की तरफ से ज़ारी बयान में बताया गया है कि शेष रहे राज्य भी जल्द ही अपने यहाँ से चुंगी कर और चैक पोस्ट व्यवस्था समाप्‍त कर देंगे।

    इन राज्यों ने हटा लिए अपने चैक पोस्ट:

    देश के कुल 22 राज्यों आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, सिक्किम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, छत्‍तीसगढ़, दिल्‍ली, गोवा, हरियाणा, झारखंड, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्‍थान, तेलंगाना, उत्‍तर प्रदेश और उत्तराखंड ने अपने राज्यों से चुंगी नाकें हटा दिए हैं। शेष बचे राज्‍य भी इन्‍हें हटाने में ही लगे हुए हैं।

    चुंगी के लिए घंटों खड़े रहना पड़ता था:

    जीएसटी से पूर्व की व्यवस्था में यह प्रावधान था कि यदि कोई सामान देश के किसी एक राज्य से किसी दूसरे राज्य में लाया-ले जाया जाता है तो अगले राज्य में प्रवेश करने के लिए सामान का प्रवेश कर या चुंगी देनी पड़ती थी। इसके लिए जगह-जगह चुंगी नाके/चेक पोस्ट बनाये गए थे। इस व्यवस्था के चलते माल वाहनों का काफी समय चैक पोस्ट पर लग जाता था और वाहनों को जगह-जगह रूकना पड़ता था। इससे चुंगी नाकों पर लंबी-लम्बी लाइनें लग जाती थी। एक सर्वे के मुताबिक देश में मालवाहनों का 30 से 40% समय इन नाकों पर खड़े-खड़े ही बीत जाता है। इससे बेवज़ह ईंधन की खपत होती थी। अब केंद्र सरकार द्वारा देशभर में जीएसटी लागू किये जाने के बाद ऐसी कोई समस्या नहीं रही।

    एक राष्ट्र-एक कर से अब बेवज़ह की परेशानी नहीं:

    जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) की व्यवस्था से अब एक्‍साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो गए है। यह देशभर में किसी भी वस्तु एवं सेवा के उत्पादन, बिक्री और उपयोग पर लागू होने वाला एकल कर है। जीएसटी प्रणाली में जीएसटी के अतिरिक्त कोई कर नहीं है। इसके अंतर्गत राज्यों की चुंगी जैसे बेवज़ह की परेशानी और भ्रष्टाचार बढ़ाने वाले करों को खत्म कर दिया है।

    रसद खर्च में आएगी 40% तक की कमी:

    जीएसटी के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में आये बदलावों का आंकलन कर विश्व बैंक ने बताया है कि टोल और चेक पोस्ट खत्म होने से अब माल निर्माता कंपनियों के लॉजिस्टिक्स (रसद) खर्च में 40% तक कमी आएगी। विश्व बैंक की 2005 की रिपोर्ट के मुताबिक, चेक पोस्ट पर ट्रकों के खड़े रहने के कारण हर साल अर्थव्यवस्था को करीब 2,300 करोड़ रुपए का नुकसान होता है। इसके अलावा उनसे 7,200 करोड़ रु. तक की अवैध वसूली होती है। देशभर में एक जुलाई से जीएसटी लागू होने के बाद अब इन बेवज़ह की वसूली से राहत मिलेगी।

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