अजय चौपड़ा को ACB ने किया गिरफ्तार, गहलोत के इशारों पर किया था 500 करोड़ का घोटाला

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Ashok Gehlot Congress Ke Ghotale

राजस्थान के गांधी यानी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की करतूते लगातार सामने आ रही है। प्रदेश में लाखों-करोड़ों के घोटाले कर अब अशोक जी तो गुजरात की तरफ चल दिये है लेकिन उनके काले कारनामे आज भी प्रदेश की जनता के सामने आ रहे हैं। 500 करोड़ का घोटाला कर गहलोत तो गुजरात चले गये लेकिन उनके अजीज मित्र अजय चौपड़ा कब तक पुलिस से बचकर भागेंगे। गहलोत सराकर के विज्ञापन घोटाले में फरार चल रहे कियोंस एड कंपनी के संचालक और अशोक गहलोत के खास मित्र अजय चौपड़ा को एसीबी ने गिरफ्तार कर लिया है। एसीबी की विशेष कोर्ट ने चौपड़ा को फिलहाल एक ही मामले में तलब किया है लेकिन उन पर चार मामले ओर चल रहे है। इस मामले से पता चलता है कि गहलोत ने अपने ही आस्तीन में सांप पाल रखे है जो आज उन्हो को डसने का काम कर रहे है।

500 करोड़ के घोटाले के कर्ता-धर्ता रहे है चौपड़ा

राजस्थान में करीब 500 करोड़ के विज्ञापन घोटालों में फरार चल रहे क्रियोंस एड कंपनी के संचालक अजय चौपड़ा को एसीबी ने गिरफ्तार कि विशेष अदालत में पेश किया। अजय चौपड़ा मंगलवार सुबह अपने वकील के साथ भ्रष्टाचार मामलात की विशेष कोर्ट में पहुंचे। कोर्ट में अजय चौपड़ा ने उन पर चल रहे सभी चारों प्रकरणों में सरेण्डर करने की अर्जी लगाई। सरेंडर करने की सूचना पर पूरे मामले की पड़ताल कर रहे एसीबी के अधिकारी वहां पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि चौपड़ा को फिलहाल एक ही मामले में गिरफ्तार करने की अनुमति कोर्ट ने दी है।

जाने गहलोत के खास दोस्त का क्या है पूरा मामला

अजय चौपड़ा की क्रियोंस एड कंपनी राजस्थान सूचना व जनसंपर्क विभाग की विज्ञापन प्रदाता एजेंसी राजस्थान संवाद से अनुबंधित थी। तत्कालीन गहलोत सरकार की शह में क्रियोंस ने नियम-कायदों को दरकिनार करके करोड़ों रुपए के विज्ञापन उन अखबारों व मैगजीनों को भी दे दिए, जो अस्तित्व में नहीं थी और ना ही प्रसार संख्या थी। इन में से कुछ अखबार तो ऐसे भी थे जो विज्ञापन के लिए डीपीआर से स्वीकृत ही नहीं थे। एड के इस घोटाले में एड एजेंसी पर सरकार को करीब 500 करोड़ा का चूना लगाने के आरोप हैं। buybtc.in    rajpalace.com

चौपड़ा सहित एक दर्जन अधिकारियों की आपराधिक लापरवाही आई सामने

वसुंधरा सरकार के आते ही सबसे पहले विज्ञापन घोटाले की फाइल 2014 में खोली गई। इस मामले की शुरूआती जांच एसीबी के एएसपी मनीष त्रिपाठी ने की थी। त्रिपाठी ने 21 अप्रैल 2014 को जो अनुसंधान रिपोर्ट पेश की थी उसमें तत्कालीन मुख्य सचिव सी.के. मेथ्यू, आईएएस निरंजन आर्य, ताराचंद मीणा, शेलेंद्र अग्रवाल, डीपीआर निदेशक लोकनाथ सोनी और आईएएस पुरुषोत्तम अग्रवाल की ओर से क्रियोसं कंपनी के संचालक अजय चौपडा को हुए गलत भुगतान में आपराधिक पर्यवेक्षणीय लापरवाही सामने आई थी। buybtc.in   rajpalace.com

तीन आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार

आपको बता दें कि इस मामले में एसीबी एड कंपनी के तीन कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया था, जिनकी चालान पेश करने के बाद जमानत भी हो चुकी है। गिरफ्तारी के बाद फरार हुए कंपनी संचालक अजय चौपड़ा ने मंगलवार सुबह सरेंडर किया है।

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