8 मार्च को राजस्थान की विधानसभा में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थान की किस्मत का पिटारा खोलने जा रही हैं। किस्मत का पिटारा यानी 2017-18 का बजट पेश होने से पहले प्रदेश के कार्मिको के लिए राज्य सरकार की ओर खुश खबरी आई हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री राजे ने कहा था कि प्रदेश के कर्मचारियों को किसी भी हाल में नाराज नही होने दिया जाएगा। इसी को देखते हुए राजस्थान में 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों का तोहफा राज्य सरकार आगामी अक्टुबर तक दे सकती हैं। 7वें वेतन आयोग का तोहफा देने की संभावनों पर मुहर सी लग गई हैं क्योंकि राज्य सरकार ने वेतन आयोग की सिफारिशों पर काम करना शुरू कर दिया हैं। अब यह कहा जा सकता हैं कि राज्य सरकार 10वें महीने में राज्य कर्मचारियों को यह तोहफा दे सकती हैं।
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कमेटी ने किया काम शुरू
प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए गठित कमेटी ने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए कमेटी के अध्यक्ष डी.सी.सामंत ने सोमवार को अपना काम आरंभ कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव डी.सी. सामंत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी को तीन महीने में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें राज्य के मौजूदा एवं पूर्व कर्मचारियों पर कैसे लागू की जा सकती है, रिपोर्ट राज्य सरकार को प्रस्तुत करनी है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों डी.सी. सामंत की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी एम.पी. दीक्षित और डी.के. मित्तल को सदस्य का गठन किया था।
वेतन भत्तों व सरकार पर आने वाले वित्तिय भार का होगा आंकलन
सामंत की अध्यक्षता वाली यह कमेटी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक, राज्य के करीब सात लाख सरकारी कर्मचारियों पर रिवाइज्ड वेतनमान, भत्तों और इससे सरकार पर आने वाले वित्तीय भार का आंकलन करेगी।
तीन तरह की रिपोर्ट, अक्टूबर तक लागू!
सू्त्रों के अनुसार समिति तीन महीने में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर 7वें वेतनमान को लागू करने में करीब 2 से 3 महीने का समय लग सकता है। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार इसे अक्टूबर तक लागू कर सकती है।